
नई दिल्ली: कोरोनावायरस के संक्रमण से पहले मोर्चे पर लड़ाई लड़ रहे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के सम्मान के लिए रविवार को भारतीय वायुसेना ने "फ्लाई पास्ट" किया और भारतीय वायुसेना ने अस्पतालों पर पुष्प वर्षा की. लेकिन इस फ्लाई पास्ट पर अब सवाल भी उठ रहे हैं.
पूर्व नौसेना प्रमुख रिटायर्ड एडमिरल अरुण प्रकाश ने कहा कि भूखों, जरूरतमंदों और प्रवासी मजदूरोें की मदद हमारी सेना और बेहतर तरीके से कर सकती थी. लेकिन, उसकी क्षमताओं का अधिकतम इस्तेमाल फूल बरसाने और फ्लाई पास्ट को ही समझा गया, तो यही सही.
Given deep resources of tpt, logistics, med facilities & manpower, our military could have served citizens in meaningful ways & even helped repatriate starving, itinerant migrants in organised manner. But if fly-pasts & petal showering is considered their optimal use; so be it.
— Arun Prakash (@arunp2810) May 2, 2020
कोरोनावॉरियर्स को इस तरह सम्मान दिए जाने पर पूर्व नौसेना प्रमुख रिटायर्ड एडमिरल अरुण प्रकाश के अलावा पूर्व सेना अधिकारियों ने भी सवाल उठाए हैं. रिटायर्ज जनरल बीरेंदर धनोआ ने इसे संसाधनों की बर्बादी करार दिया और कहा कि यह वो मिलिट्री नहीं है, जिसे मैंने अपनी सेवाएं दी हैं.
We use our Air assets for expressing solidarity!? https://t.co/sXGBSkgagE
— Lt Gen Rameshwar Roy (@LtGen_Roy) May 3, 2020
समाजवादी पार्टी ने भी उठाया सवाल:
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी कहा है कि यूपी में क्वारैंटाइन सेंटर्स में बदसलूकी की खबरें आ रही हैं. कहीं खाने-पीने की कमी की समस्या उठाने पर केवल आश्वासन दिया जा रहा है. ऐसे में पुष्प वर्षा का क्या मतलब है?
ममता सरकार ने इजाजत नहीं दी:
पश्चिम बंगाल में ममता सरकार ने वायुसेना को फ्लाई पास्ट की इजाजत नहीं दी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वायुसेना के अधिकारी ने कहा कि बंगाल के दो अस्पतालों में वायुसेना ने पुष्पवर्षा की योजना बनाई थी, लेकिन राज्य सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी। केंद्र और ममता सरकार के बीच कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान केंद्रीय टीम भेजने, मौतों की वजह स्पष्ट करने को लेकर तनाव चल रहा है। केंद्र ने राज्य में टेस्टिंग क्षमता को लेकर भी चिंता जाहिर की है।